Ganesh Chaturthi 2024

Ganesh Chaturthi 2024 : मोदक बनाने की सात आसान रेसिपी

Ganesh Chaturthi 2024: पूरे भारतवर्ष में हर साल पूरे जोश और उत्साह के साथ गणेश चतुर्थी का पर्व यानि गणेशजी का जन्मदिवस बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश चतुर्थी  पर्व की शुरुआत हर साल भाद्रपद मास की शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन होती है। 

हर साल देश के लाखो करोड़ों घरों में भगवान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है। हर गाँव और शहर की हर छोटी बड़ी संस्थाए एक से बढ़कर एक पंडाल सजाते हैं; जिसे देखने लोग दूर दूर से आते हैं। बड़े पंडाल अधिकतर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में देखने को मिलते है। 

Ganesh Chaturthi 2024 कैसे मनाते हैं?

 इस दौरान पूरे दस दिनों तक विभिन्न प्रकार के आयोजनों के साथ-साथ दस दिनों तक भगवन गणेश की पूजा-अर्चना, अनुष्ठान भी किया जाता है। बड़ों के साथ बच्चों को भी Ganesh Chaturthi का यह त्यौहार बहुत पसंद आता है क्योंकि उन्हें भी तरह-तरह की मिठाइयां खाने को मिलती हैं। 

साऊथ के तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे अन्य भारतीय राज्य भी Ganesh Chaturthi को समान भक्ति और उत्साह के साथ मनाते हैं। साऊथ के राज्यों में इस त्यौहार को विनायक चतुर्थी,  पिल्लयार चतुर्थी, विनयगर चतुर्थी या चविथी के नाम से जाना जाता है। 

प्रदेश कोई भी हो लेकिन भगवान गणेश को सबसे ज्यादा पसंद आने वाले व्यंजन – मोदक,  मोतीचूर के लड्डू,  श्रीखंड, मूंग का हलवा, मखाना खीर, नारियल के लड्डू, पूरन पोली, शीरा, बेसन की बर्फी  इत्यादि हैं। 

भगवान गणेश जी का पसंदीदा व्यंजन मोदक

इन सभी व्यंजनों में भगवान गणेश जी का सबसे पसंदीदा व्यंजन मोदक एक प्राचीन मिठाई हैं। हिंदू पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जब गणेश जी ने पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा की थी, तब माता पार्वती ने उन्हें मोदक का भोग दिया था। मोदक आनन्द, उल्लास और मिठास का प्रतिक माना जाता है। 

मोदक अन्य प्रदेशों में अलग अलग नामों से जाना जाता है और अलग प्रकार से बनाया जाता है। इसे मराठी में मोदक, कन्नड़ में कडुबू या मोधका, तमिल में कोझाकट्टई या कोउलुकट्टई, कोंकणी में नेवरी, उड़िया में मांडा, मलयालम में कोझुकट्टा, तेलुगु में कुडुमु या जिल्लेदुकायालु और संस्कृत में मोदकम कहा जाता है। 

मोदक मुख्यतः तीन प्रकार से बनाये जाते हैं –

  1. भाप से पके हुए मोदक –  यह पारंपरिक महाराष्ट्रीयन तरीके से भाप में पका कर बनाये जाते हैं इन्हे उकाडीचे मोदक कहते हैं। यह मोदक चावल के आटे से बनाया जाते हैं जिसमें नारियल और गुड़ भरा होता है। 
  2. मावा के मोदक –  ये दूध से बने मावा (खोया) से बनाये जाते हैं। बाकि दोनों प्रकार के मोदक को भरावन (स्टफिंग) करके बनाया जाता है लेकिन ये सीधे ही मावा, केसर,चीनी और ड्राईफ्रूट के मिश्रण को सांचे से मोदक का रुप देकर बनाये जाते हैं। 
  3. तले हुए मोदक –  इन्हें तेल में तलकर बनाया जाता है। इस प्रकार के मोदक में नारियल और गुड़ का मिश्रण भरकर डीप फ्राई किया जाता है। 

मोदक कितने प्रकार के होते हैं ?

        पुरे भारत में लगभग 200 प्रकार के मोदक बनाये जाते हैं लेकिन कुछ फेमस  मोदक इस प्रकार हैं – उकाडीचे मोदक, काजू मोदक, मावा मोदक, पान मोदक, ड्राईफ्रूट मोदक, आम मोदक, श्रीखंड मोदक, गुलाब गुलकंद मोदक, ओरियो मोदक, केसर मोदक, फ्राइड मोदक, रवा मोदक, चॉकलेट मोदक,  संतरा मोदक, गुलाब मोदक, सूजी मोदक, रागी मोदक, मावा मोदक, खोया मोदक, पान मोदक, काजू मोदक, रसमलाई मोदक, शुगर फ्री मोदक, मोतीचूर मोदक, पिन्नी मोदक, ड्राई फ्रूट्स मोदक, चूरमा मोदक, कश्मीरी पिन्नी मोदक, अंजीर ड्राईफ्रूट मोदक, कोकोनट मोदक, केसर मावा मोदक, बेसन मलाई मोदक, खजूर मोदक, पनीर मोदक  इत्यादि। 

Ganesh Chaturthi 2024

मोदक बनाने की सात आसान रेसिपी

Ganesh Chaturthi पर भगवान गणेश की सबसे पसंदीदा मिठाई मोदक का भोग लगाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है; तो चलिए आज हम आपको एक ही विधि से सात तरह के उकडीचे मोदक बनाना बताएँगे।
Prep Time 15 minutes
Cook Time 25 minutes
Total Time 40 minutes
Course Sweet Dish
Cuisine Indian
Servings 11 लोगों के लिए

Ingredients
  

बाहरी आवरण के लिए –

  • 4 कप चावल का आटा (Rice flour)
  • 4 कप पानी (Water)
  • 2 छोटा चम्मच शुद्ध घी (Ghee)
  • नमक स्वाद अनुसार (Salt to taste)

पहली विधि – नारियल और गुड़ के मोदक

  • 3 कप कद्दूकस किया हुआ (किसा हुआ) नारियल
  • 2 कप कद्दूकस किया हुआ (किसा हुआ) गुड
  • 2 छोटा चम्मच शुद्ध घी (Ghee)
  • ¼ छोटा चम्मच इलायची पाउडर
  • ¼ छोटा चम्मच जायफल पाउडर

दूसरी विधि – मूंगफली के मोदक

  • 3 कप कप मूंगफली
  • 2 कप कद्दूकस किया हुआ (किसा हुआ) गुड
  • ¼ छोटा चम्मच इलायची पाउडर

तीसरी विधि – चना दाल मोदक

  • 2 कप चना दाल
  • 4 कप पानी (Water)
  • 1 कप कद्दूकस किया हुआ (किसा हुआ) गुड

चौथी विधि – तिल के मोदक

  • 2 कप तिल
  • 2 कप कद्दूकस किया हुआ (किसा हुआ) गुड
  • ¼ छोटा चम्मच इलायची पाउडर

पांचवी विधि – ड्राई फ्रूट के मोदक

  • ½ कप काजू
  • ½ कप बादाम
  • ½ कप  पिस्ता
  • ½ कप अखरोट
  • 1 छोटा चम्मच चीनी (Sugar)

छठी विधि – केसर के मोदक

  • 1 कप बारीक रवा
  • 1 कप चीनी (Sugar)
  • 1 कप पानी (Water)
  • 1 बड़ा चम्मच दूध
  • 3 छोटा चम्मच शुद्ध घी (Ghee)
  • ¼ छोटा चम्मच केसर

सातवीं विधि – गुलकंद के मोदक

  • 3 कप गुलकंद
  • 2 छोटा चम्मच शुद्ध घी (Ghee)

Instructions
 

पहली विधि – नारियल और गुड़ के मोदक

  • एक पेन लेकर उसमें दो चम्मच घी डालकर गर्म करेंगे
  • जब घी गर्म हो जायेगा तो उसमें नारियल और गुड़ डालेंगे
  • जब तक गुड़ पिघल कर चिपचिपा ना हो जाये तब तक उसे लगातार कड़छी से चलाते रहेंगे
  • जब पूरा मिश्रण गाढ़ा होने लगे तो इसमें इलायची और जायफल पाउडर अच्छी तरह मिलाएँ और गैस बंद कर इसे ठंडा होने दें।
  • ठंडा होने के बाद इसे भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें

दूसरी विधि – मूंगफली के मोदक

  • मूंगफली को धीमी आंच में गोल्डन ब्राउन होने तक भून लें
  • ठंडा होने के बाद इसके छिलके उतार लें
  • अब छिलके निकले हुए मुगफली के दानों को मिक्सर में डालकर दरदरा पीस लें
  • अब इसमें गुड और इलायची पाउडर डालकर फिर से मिक्स होने तक पीस लें
  • इसे भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें

तीसरी विधि – चना दाल मोदक

  • चना दाल को पानी में अच्छे से नरम होने तक पकाएं
  • दाल पकने के बाद यदि पानी ज्यादा हो तो उसे निकाल दें
  • अब इस दाल को पोटेटो मेशर से थोड़ा दबा लें
  • इसमें किसा हुआ गुड़ डालकर कड़छी की मदद से चलाते हुए अच्छे से गाड़ा होने तक पकाएं
  • जब पूरा मिश्रण अच्छे से पक जाए तो इसमें इलायची पावडर डालकर मिला लें
  • इसे भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें

चौथी विधि – तिल के मोदक

  • एक पैन में तिल को लेकर हलके ब्राउन होने और अच्छी खुसबू आने तक धीमी आंच पर भूनें
  • भूनने के बाद इन्हें ठंडा करें और इलायची पाउडर मिलकर मिक्सर में पीस लें
  • अब इसमें गुड डालकर फिर से मिक्सर में अच्छे से घुमाएं
  • जब गुड़ पूरी तरह से मिक्स हो जाये तब इसे भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें

पांचवी विधि – ड्राई फ्रूट के मोदक

  • काजू, बादाम, पिस्ता और अखरोट लेकर थोड़ा भून लें
  • भुनने के बाद ठंडा करके इसमें चीनी मिलाकर मिक्सर में दरदरा पीस लें
  • अब इस पाउडर को भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें

छठवीं विधि – केसरी मोदक बनाना

  • एक पैन में रवा लेकर को अच्छी सुगंध आने तक हल्का भूरा होने तक सूखा भून लें।
  • अब इसमें धीरे धीरे कड़छी से चलाते हुए में गर्म पानी मिलाएं।
  • इसे नरम होने तक पकाएं, फिर इसमें गुड़ वाली चीनी (ब्राउन) डालें।
  • इस मिश्रण को चिपचिपा होने तक पकाएं।
  • एक अलग कटोरी में एक बड़ी चम्मच गर्म दूध में केसर डालकर 5 मिनट तक भिगोएँ और इस केसर वाले दूध को रवे वाले मिश्रण में मिलाएँ।
  • अब इसमें घी डालकर तब तक पकाते रहें जब तक यह पैन के किनारों को छोड़ना शुरू ना कर दे।
  • इसे ठंडा होने दें और इसे अब भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें।

सातवीं विधि – गुलकंद के मोदक

  • एक फ्राइंग पेन में घी डालकर गुलकंद को धीमी आंच में सिर्फ 2 या 3 मिनट गर्म करें।
  • अब इसे ठंडा करके भरावन (स्टफिंग) के रूप में उपयोग करें।

बाहरी आवरण बनाना –

  • एक पेन में पानी गर्म करें इसमें दो चम्मच घी और चुटकी भर नमक डालें और पानी को उबाल लें।
  • इस उबले हुए पानी में चावल का आटा धीरे-धीरे डालते जाएँ और चम्मच से लगातार मिलाते जाएँ।
  • लगातार मिलाने से उसमें गुठलियां नहीं पड़ती हैं।
  • जब पानी और चावल के आंटे का बराबर मिश्रण बन जाये तो इसे एक थाली में कॉटन के मजबूत कपडे के ऊपर डाल दें।
  • अब इस कपडे को लपेट दें यह मिश्रण गर्म होता है अतः इसे कपडे के ऊपर से ही इसे थोड़ा गूँथ दें।
  • जब यह थोड़ा ठंडा हो जाये तो उंगलियों को ठंडे पानी से गीली करके इसे अच्छे से गूँथ कर चिकना डोव (अच्छे से गुंथा हुआ आंटा) बना लें।
  • आटे को गूँथने के बाद उससे 12-13 बराबर भागों में बांट लें और उनकी चिकनी लोहिया बना लें।
  • अब सांचे को चिकना करके उसमें लोई लगा दें और बीच में भरावन (स्टफिंग) भरते जाएं।
  • साँचा खोलते ही सुन्दर से मोदक तैयार हैं अब इन्हें सांचे से बाहर निकाल कर एक चिकनी थाली पर रख लें।

भाप से पकाएं –

    भाप में पकाने का – पहला तरीका

    • एक कुकर में दो कप पानी उबालें
    • सभी मोदक को एक चिकनी बर्तन या प्लेट में रखें
    • प्लेट के ऊपर एक गिला कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर मोदक रख ले
    • तेज आंच पर 8 से 10 मिनट तक इसे भाप में पकाएं
    • इन्हें ठंडा करें और इस तरह आपके मोदक तैयार हैं

    भाप में पकाने का – दूसरा तरीका

    • एक बड़ी तपेली में 4 कप पानी लें
    • अब एक जाली वाली थाली लेकर उसके ऊपर कपडा या केले के पत्ते बिछा दें
    • केले के पत्ते के ऊपर मोदक रख दें और इस थाली को तपेली में रखकर ढँक दें
    • इस बात का ध्यान रखे की जाली वाली थाली पानी से लगभग 1 इंच ऊपर हो
    • लगभग 15 से 20 मिनट में मोदक तैयार हो जाते हैं

    भाप में पकाने का – तीसरा तरीका

    • बाजार से या ऑनलाइन स्टीमर पॉट खरीदें
    • इस स्टीमर पॉट में 4 कप पानी डालकर इसे तेज आंच पर उबालें।
    • स्टीमर प्लेट को घी या तेल से चिकना करके इस पर मोदक जमा दें और इसे ढक्क्न से ढांक दें
    • गैस की आंच धीमी करके लगभग 12 से 15 मिनट बाद इन्हें बाहर निकाल लें। लीजिये आपके मोदक तैयार हैं।

    Notes

    महत्वपूर्ण टिप्स –
    • ऊपर बताई गई सभी विधियों में बाहरी आवरण एक ही रहता है। 
    • मोदक बनाने के लिए सांचे, आप पूजन सामग्री की अथवा बर्तन की दुकानों से खरीद सकते हैं, आप इन्हें ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। 
    • आप सांचे की जगह हाथों से भी मोदक बना सकते हैं लेकिन उसके लिए थोड़ा अभ्यास और अनुभव की आवश्यकता होती है।
    • मोदक यदि आप सांचे में बनाते हैं तो इसमें भरावन का काम आसान हो जाता है।
    • चावल का आटा आप बाजार से खरीद सकते हैं साथ ही आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। 
    • मोदक की स्टफिंग बनाते समय कभी ज्यादा गरम होने के कारण गुड़ कड़क हो जातां है ऐसे में उसमें गर्म पानी डालकर उसे नरम कर सकते हैं। 
    • इसी तरह कभी कभी चावल का आटा भी कड़क हो जाता है जिसके कारण मोदक टूटने लगते हैं ऐसे में चावल के आटे में थोड़ा गर्म पानी मिलाकर उसे फिर से गूंथ लेना चाहिए। 
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    FAQs –

    Q- गणेश जी का प्रिय भोजन कौन सा है?

    Ans- गणेश जी का प्रिय भोजन मोदक और मोतीचूर के लड्डू हैं। पौराणिक मान्यता है की यदि गणेश जी को जल्दी प्रसन्न करना है तो उन्हें मोदक और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।


    Q- उकाडिचे शब्द का क्या अर्थ है?

    Ans-उकाडिचे शब्द का अर्थ है ‘भाप में पकाया गया अनाज’। इसी प्रकार भाप में पके हुए चावल के आटे को  ‘उकाड़’ कहा जाता है और  “उकाडिचे मोदक” का मतलब है भाप में पकाया हुआ मोदक।


    Q- गणेश चतुर्थी को क्या खाना चाहिए?

    Ans-गणेश चतुर्थी पर सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करके उनके पसंदीदा भोजन का उन्हें भोग लगाना चाहिए फिर शुद्ध सात्विक भोजन करन चाहिए।


    Q- गणेश चतुर्थी का व्रत रखने से क्या होता है?

    Ans-ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने से गणेशजी बहुत जल्दी प्रस्न्न होते हैं, घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है।


    Q- गणेश भगवान को लगने वाले 10 प्रिय भोग कौन से हैं?

    Ans-गणेश भगवान को लगने वाले 10 प्रिय भोग मोतीचूर के लड्डू, मोदक, श्रीखंड, मूंग का हलवा, मखाना खीर, नारियल के लड्डू, पूरन पोली, शीरा, बेसन की बर्फी, आटे की पंजीरी इत्यादि हैं।


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