Malpua Recipe: मालपुआ भारत का एक प्रसिद्ध पारंपरिक मीठा व्यंजन है जिसे त्योहारों पर देश के सभी प्रान्तों में बनाया जाता है। यह भारत की सबसे पुरानी मिठाई है जिसका उल्लेख वेद पुराणों में भी मिलता है। इस ऐतिहासिक व्यंजन को आज भी भारत के उड़ीसा प्रांत के प्रसिद्ध मंदिर ‘जगन्नाथ पुरी’ में भगवान जगन्नाथ को हर सुबह भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। वहां इसे ‘अमालु’ नाम से जाना जाता है।
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मालपुआ नॉर्थ इंडिया में अधिकतर डेजर्ट के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक ऐसी डिश है जिसे घर पर बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। आप आटे और दूध से बने इस मीठे पकवान को कभी भी बना कर खा सकते हैं। भारतीय घरों में त्योहारों के समय अक्सर मालपुए को मिठाई के रूप में बनाया जाता है।
MALPUA भारत के बिहार, ओड़िसा, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इत्यादि प्रदेशों में तो फेमस है ही साथ ही अन्य देशों जैसे नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान में भी इसे बनाकर बड़े चाव से खाया जाता है। इसे जिस तरह उड़ीसा में ‘अमालु’ कहते हैं उसी प्रकार तमिलनाडू में मालपुए को ‘अधिरसम’ नाम से जानते हैं और नेपाल में इसे ‘मारपा’ कहते हैं।
मालपुए का इतिहास (History of Malpua) –
मालपुआ का इतिहास काफी पुराना है यह भारत के प्राचीनतम मिष्ठानों में से एक है। इतिहासकारों के अनुसार हिन्दू धर्म में प्रसिद्ध चार वेदों में से एक वेद ‘ऋग्वेद’ में इसका उल्लेख मिलता है; उसके अनुसार मालपुए को ‘अपूपा’ के रूप में जाना जाता था। इसे पहले जौ के आटे से बनाया जाता था और इसे शुद्ध घी में तलकर शहद में डूबाकर बनाया जाता था।
समय के साथ इसमें कई बदलाव होते रहे और बाद में इसे गेहूं या चावल के आटे, मक्खन, दूध, शक्कर इत्यादि से बनाया जाने लगा। अब इसे ‘पुपालिके’ नाम से पुकारा जाने लगा। चावल या आटे की एक रोटी जिसमें गुड़ भर कर शुद्ध घी में तला जाता था उसे ‘पुपालिक’ कहते थे। इसका एक अन्य नाम ‘भरवां अपूपा’ भी था।
मालपुआ के प्रकार (Variety of Malpua) –
भारत में वैसे तो मालपुआ अनेक प्रकार का बनाया जाता है लेकिन ज्यादातर प्रसिद्ध यह हैं –
आटे का मालपुआ, मैदे का मालपुआ, मैंगो मालपुआ, पनीर मालपुआ, केले का मालपुआ, मावा मालपुआ, रबड़ी मालपुआ, सूज़ी मालपुआ, गुड़ का मालपुआ, खीर मालपुआ, बाजरा मालपुआ, चावल का मालपुआ, मैंगो मालपुआ, ब्रेड मालपुआ, छेना मालपुआ, गाजर का मालपुआ, पाईनेपल मालपुआ, रवा मालपुआ, तिल का मालपुआ, शहद और राबड़ी का मालपुआ।
Malpua Recipe –
मालपुआ अधिकतर मैदे से बनाया जाता है जो की थोड़ा ‘अनहेल्दी’ हो सकता है; क्योंकि मैदा कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और वजन बढ़ाता है इसीलिए हम आपको आज आटे के मालपूए बनाना बता रहे हैं।
Malpua Recipe In Hindi मालपुआ बनाने की विधि
Equipment
- 1 बड़ा बाउल मालपुए का घोल (पेस्ट) बनाने के लिए
- 1 बड़ा चपटा फ्राइंग पेन मालपुए तलने के लिए
- 1 कड़छी (Spatulas) मालपुए तलने के लिए
- 1 फेंटनी (Whisk) मालपुए का घोल फेंटने के लिए
- 1 कप नाप के लिए
- 1 पेपर टॉवेल (नेपकिन) मालपुए में से एक्स्ट्रा घी हटाने के लिए
Ingredients
- मालपुए का घोल बनाने के लिए –
- 1 ½ कप (200 ग्राम) गेहूं का आटा (Atta/ Wheat Flour)
- ¼ कप सूजी (Sooji/Semolin)
- 1 छोटा चम्मच सौफ पावडर (Sauf /Fennel Powder)
- 4 इलायची पिसी हुई (Cardamom Powder)
- 2 कप हल्का गर्म दूध (lukewarm milk)
- 2 छोटा चम्मच चम्मच दूध की मलाई (Milk Mala)i
- चाशनी (sugar syrup) बनाने के लिए –
- 1 कप चीनी (Sugar)
- 1½ कप पानी (Water)
- ¼ छोटा चम्मच इलाइची पाउडर (Cardamom Powder)
- 10 धागे केसर (Saffron strands)
- मालपुए बनाने के लिए –
- 2 बड़ा चम्मच देसी घी (Desi ghee)
- 1 छोटा चम्मच ड्राई फ्रूट्स बारीक कटे हुए ( Dri-Frouts)
Instructions
- मालपुए बनाने के लिए सबसे पहले एक बड़े बॉउल में आटा, सूजी, सौंफ, ईलायची पॉवडर लें और इन सभी को अच्छे से मिलाकर इसमें धीरे-धीरे करके हल्का गर्म दूध डालें।
- जब तक आटे और सूजी का एक चिकना पेस्ट न बन जाये तब तक लगातार उसे फेंटते रहें ध्यान रखें की पेस्ट ज्यादा पतला न हो जाये और इस घोल में कही गांठ न रह जाए।
- इस घोल में मलाई डालकर उसे फेंटते हुए मिक्स करें पूरी तरह मिक्स हो जाने के बाद इस पेस्ट को लगभग 15 मिनट के लिए ढक्कन से ढांककर रख दें।
- अब मालपुआ के लिए चाशनी बनाएंगे। इसके लिए एक बड़े बर्तन या नॉनस्टिक फ्राइंग पैन में डेढ़ कप पानी में डेढ़ कप शक़्कर डालकर गर्म करेंगे साथ ही इसमें केसर और पिसी इलायची भी डाल देंगे।
- केसर से चाशनी का कलर और स्वाद अच्छा आएगा। जब पानी उबलने लगे तो चाशनी को लगातार कड़छी से चलाते रहें जिससे शक़्कर पानी में आसानी से घुल जाये और तली में चिपके नहीं।
- लगभग 4-5 मिनट तक उबालने के बाद इसे गैस पर से उतारकर इसे ठंडा होनें। चाशनी बिना तार की या एक तार की होगी तो भी चलेगा।
- अब एक चपटा नॉनस्टिक फ्राइंग पैन या कड़ाही लेंगे और उसमें 3 चम्मच शुद्ध घी लेकर उसे तेज आंच में गर्म करें।
- जब कड़ाही गर्म हो जाये तो गैस को मध्यम आंच पर कर दें और इसमें मालपुए का घोल कड़छी से गोल आकार में इस तरह से डालें की वह एक छोटी पूड़ी की तरह हो जाये। कड़ाही के आकार के अनुसार दो या तीन मालपुए एक साथ फ्राई कर सकते हैं।
- मध्यम आंच पर इन्हें सुनहरा (गोल्डन ब्राउन) होने तक तलें। जब यह नीचे से पूरी तरह से सिक जाये तो इन्हें धीरे से पलट कर दूसरी तरफ से भी सेंक लें। ध्यान रहे की ये जलें नहीं यदि चाहे तो गैस की आंच धीमी कर लें।
- जब मालपुए दोनों तरफ से हल्के ब्राउन हो जाएँ तो इन्हें कड़ाही से निकालकर चाशनी वाले पैन में डाल दें।
- लगभग पांच मिनट बाद इन्हे चाशनी से निकालकर ऊपर से ड्राई फ्रूट्स की कतरन से गार्निश करके रबड़ी के साथ परोसें। खाने वाले उँगलियाँ चाटते रह जायेंगे।
Notes
- मालपुआ बनाने में अधिकतर लोग इसे तेल में तलते हैं पर घर पर इसे आप देसी घी का ही उपयोग करें।
- मालपुए को चाशनी में ज्यादा देर तक डूबाकर नहीं रखे नहीं तो वे टूटने लगेगें।
- मालपुए को तलने के बाद उसमे से अतिरिक्त घी निकालने के लिए उसे किचन पेपर (पेपर नेपकिन) पर रखने के बाद उसे चाशनी में डालें।
- मालपुए को हमेशा मध्यम या धीमी आंच पर ही तलें जिससे की वो जलें नहीं।
- मालपुए को बनाने के लिए आप बेसन या मैदे का भी उपयोग कर सकते हैं।
- मालपुए को गर्मागर्म परोसने के साथ-साथ आप इसे ठंडा भी सर्व कर सकते हैं।
- इन्हें अधिकतर खीर या रबड़ी के साथ परोसा जाता है।
- इन्हें बनाने के लिए ज्यादातर मैदे और सूजी का उपयोग किया जाता है।
FAQs –
मालपुआ क्या होता है?/ मालपुआ क्या है?
मालपुआ या अपूप एक प्रकार की मिठाई है जिसे आटा या मैदा, दूध और शक़्कर से बनाया जाता है। मालपुए का अंग्रेजी संस्करण एक प्रकार का पैनकेक भी है। यह डिनर अथवा लंच के आखिर में परोसे गए मिठाई की तरह परोसा जाता है।
मालपुआ क्यों प्रसिद्ध है?
मालपुआ भारत में प्राचीनतम समय से भगवान को प्रसाद के रूप चढाई जाने वाली एक मत्वपूर्ण मिठाई है। इसे अधिकतर धार्मिक, पारिवारिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों में लगातार बनाया जाता रहा है साथ ही इस स्वादिष्ट मिठाई को बनाना भी बहुत आसान होने के कारण मालपुआ इतना प्रसिद्ध है।
मालपुआ कहाँ की डिश है?
मालपुआ भारत की एक प्राचीन डिश है जिसे आटा या मैदा, दूध और शक़्कर से बनाया जाता है। यह मिठाई अधिकतर भारतीय त्यौहारों पर बनाई जाती है। उड़ीसा में इसे भगवान जगन्नाथ को भोग के रूप में भी चढाई जाती है।
मालपुआ कब खाया जाता है?/ मालपुआ कब बनाया जाता है?
मालपुआ अधिकतर त्यौहारों जैसे होली, जन्माष्ठमी या किसी भी विशेष धार्मिक अवसरों बनाया और खाया जाता है।
मालपुआ कितने नामों से जाना जाता है?
अलग-अलग प्रदेशों में इसे अलग नाम से जाना जाता है जैसे- अपुपा, पुपालिके, भरवां अपुपा, केसर मालपुआ, अमालु, अधिरसम और नेपाल में इसे ‘मारपा’ कहते हैं।
क्या मालपुआ के घोल (बैटर) को फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है?
जी हाँ ! इसे रेफ्रिजरेटर में रात भर रखा जा सकता है । लेकिन मालपुआ बनाते समय ध्यान रखें कि घोल कमरे के तापमान पर हो।
मैदे का मालपुआ कैसे बनाते है?
ऊपर बताई गई विधि में यदि हम आटे की जगह मैदे का प्रयोग करेंगे तो यह मैदे का मालपुआ बन जायेगा।
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